Rekha mishra

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लेखनी कहानी -03-Dec-2021

             तुम जानते हो ना 

तुम जानते हो ना हम कह नहीं पाएंगे ,
तुम जानते हो ना तुम्हारे बिन रह नहीं पाएंगे ।
क्यूँ  रोज आजमाते हो हमे,
रोज रोज तो ये सब हम भी सह नहीं पाएंगे। 
कभी लगता है तुम सता रहे हो, 
कभी लगता है अनजाने में हुआ। 
क्यूँ नहीं तुम सच बताते हो,
क्यूँ इतना आजमाते हो। 
तुम जानते हो ना हम कह नहीं पाएंगे, 
बिना तुम्हारे रह नहीं पाएंगे। 

By-Rekha mishra 

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2 Comments

Rohan Nanda

15-Dec-2021 07:41 PM

✍️✍️

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Seema Priyadarshini sahay

03-Dec-2021 05:55 PM

Soo nice

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